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Showing posts from September, 2019

Anatomy of Back Muscles

  The muscles of the back can be divided into three groups – superficial, intermediate and deep: Superficial  – associated with movements of the shoulder. Intermediate  – associated with movements of the thoracic cage. Deep  – associated with movements of the vertebral column. The deep muscles develop embryologically in the back, and are thus described as  intrinsic  muscles. The superficial and intermediate muscles do not develop in the back, and are classified as  extrinsic  muscles. This article is about the anatomy of the superficial back muscles – their attachments, innervations and functions. The superficial back muscles are situated underneath the skin and superficial fascia. They originate from the vertebral column and attach to the bones of the shoulder – the clavicle, scapula and humerus. All these muscles are therefore associated with movements of the upper limb. The muscles in this group are the trapezius, latissimus dorsi, levator scapulae and the rhomboids. The trapezius

ब्लड कैंसर की शुरुआत में दिखते हैं ये 6 लक्षण, जानें कितना खतरनाक है ये रोग

ब्लड कैंसर (खून का कैंसर) एक खतरनाक रोग है। आप जानते हैं कि हमारा खून 2 तरह के सेल्स से मिलकर बना होता है, जिन्हें रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कणिकाएं) और व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कणिकाएं) कहा जाता है। हमारे शरीर में पर्याप्त खून होना बहुत जरूरी ब्लड कैंसर (खून का कैंसर) एक खतरनाक रोग है। आप जानते हैं कि हमारा खून 2 तरह के सेल्स से मिलकर बना होता है, जिन्हें रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कणिकाएं) और व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कणिकाएं) कहा जाता है। हमारे शरीर में पर्याप्त खून होना बहुत जरूरी है क्योंकि शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व खून के माध्यम से ही पहुंचते हैं। ब्लड कैंसर की शुरुआत बोन मैरो से होती है क्योंकि खून वहीं बनता है। ब्लड कैंसर कई तरह के हो सकते हैं। शुरुआती अवस्था में इसके लक्षण बेहद सामान्य होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। आइए आपको बताते हैं ब्लड कैंसर के सामान्य लक्षण। बार-बार इंफेक्शन होना ब्लड कैंसर होने पर व्यक्ति बार-बार इंफेक्शन का शिकार होता है। दरअसल ब्लड कैंसर में रोगी के खून में कुछ ऐस

क्‍या है ऑटोइम्‍यून रोग और बीमारी के दस लक्षण

ऑटोइम्‍यून बीमारी का प्रकोप वर्तमान में बहुत फैला हुआ है, आंकड़ों की तुलना करें तो 50 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं। ज्‍यादातर 65 साल की उम्र के बाद होने वाली यह बीमारी महिलाओं की मौत के 10 प्रमुख कारणों में से एक है। ऑटोइम्‍यून बीमारी शरीर के पूरे अंगों को प्रभावित करती है, इसके कई उदाहरण हैं जैसे - रूमेटाइड अर्थराइटिस, टाइप1 डायबिटीज, थायराइड समस्‍या, ल्‍यूपस, सोराइसिस, जैसी कई बीमारियां इसमें आ सकती हैं। इस लेख में इस बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में जानिए। क्‍या है ऑटोइम्‍यून रोग ऑटोइम्‍यून ऐसा रोग है जिसमें कई बीमारियां आती हैं, यह शरीर के कई अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और यह बीमारियों को रोकने के बजाय शरीर पर खुद हमला करता है। दरअसल हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को बीमारियों से बचाती है और खतरनाक रोगों से शरीर की रक्षा भी करती है। लेकिन इस बीमारी में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। ऑटोइम्‍यून बीमारी तब होती है जब शरीर में मौजूद विषाक्‍त पदार्थों, संक्रमणों, और खाने में मौजूद वि

विरोध यात्रा निकाल रहे फिजियोथेरेपिस्टों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को भेजा ईमेल

गुजरात में अपनी कुछ मांगों को लेकर विरोध यात्रा निकाल रहे फिजियोथेरेपिस्टों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ईमेल भेजा है। इस मेल में एक मेडिकल बिल के ड्राफ्ट में बदलाव और इस पेशे के लिए एक स्वतंत्र राष्ट्रीय काउंसिल का गठन करने की मांग की गई है। बता दें कि पूरे देश के हज़ारो फिजियोथेरेपिस्टों ने अपनी कुछ मांगों को लेकर 25 अगस्त को दक्षिण गुजरात में स्थित डांडी से अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम तक करीब 254 किलोमीटर लंबी यात्रा शुरू की थी। इन मांगों में ड्राफ्ट क्लीनिकल इस्टाब्लिशमेंट के तीसरे संशोधन नियम में पेशे से संबंधित कुछ मुद्दों पर सुधार की मांग की गई है। यात्रा आयोजन समिति के अध्यक्ष उमाशंकर मोहंती ने कहा, 'स्वतंत्र केंद्रीय फिजियोथेरेपी काउंसिल के गठन के लिए हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ईमेल भेजा है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने गुजरात राज्य फिजियोथेरेपी काउंसिल की स्थापना की थी। ईमेल शनिवार को भेजा गया जब यात्रा वडोदरा पहुंच गई।'